श्योंपुर क़िला
इस यात्रा को शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
इस गर्मी के माह में भी मुझे बरसात की वजह से काफी ठण्ड का सामना करना पड़ा। श्योपुर स्टेशन से बाहर निकलकर मैंने और दीपक ने एक सिगड़ी के किनारे बैठकर चाय पी। यह काफी अच्छी और मसालेदार चाय थी जिसकी कीमत थी मात्र पाँच रुपये। स्टेशन के ही ठीक सामने एक सड़क जाती है, यह सड़क कुन्नु राष्ट्रीय पार्क की ओर जाती है जो यहाँ से अभी काफी दूर था। समयाभाव के कारण हम वहाँ तक नहीं जा सकते थे। फिर भी हमने एक ऑटो वाले को रोककर पूछा - हाँ भाई यहाँ देखने को क्या है ? वो हमारी बात सुनकर थोडा अचरज में पड़ गया और बोला कि आप श्योपुर घूमने आये हो ? हमने कहा कि हाँ। वो हमारी बात सुनकर काफी खुश हुआ और बोला कि काश आपकी तरह मुझे ऐसे ही रोज पर्यटक मिले तो हमारे साथ साथ इस जिले ( श्योपुर ) का भी नाम दुनिया में मशहूर हो जाए ।